वाराणसी से बड़ी खबर: गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है…
वाराणसी, 16 जुलाई 2025 — वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से एक बार फिर खतरे की घंटी बज गई है। बीते 48 घंटों से हो रही भारी बारिश और पहाड़ों से आ रहे पानी के चलते गंगा का स्तर चेतावनी रेखा के करीब पहुंच चुका है।
कौन-कौन से घाट प्रभावित हुए?
गंगा का जलस्तर बढ़ने से कई प्रमुख घाट जैसे:
- राजेन्द्र प्रसाद घाट
- दशाश्वमेध घाट
- मणिकर्णिका घाट
- पंचगंगा घाट
पूरी तरह या आंशिक रूप से जलमग्न हो चुके हैं। इन इलाकों में स्थानीय प्रशासन ने बैरिकेडिंग कर दी है और आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।
जलस्तर कितना बढ़ा है?
मौजूदा रिपोर्ट के अनुसार:
- गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा से केवल 30 सेमी नीचे है।
- 5 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से जलस्तर बढ़ रहा है।
- मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में और बारिश की चेतावनी दी है।
प्रशासन ने क्या कदम उठाए हैं?
- NDRF और SDRF की टीमें अलर्ट पर हैं।
- नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
- गंगा आरती समेत सभी सार्वजनिक कार्यक्रम अस्थायी रूप से स्थगित कर दिए गए हैं।
- जल पुलिस की पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है।
क्या है इसके पीछे का कारण?
- उत्तराखंड और नेपाल क्षेत्र में लगातार भारी बारिश।
- तेजी से ग्लेशियर पिघलने के कारण जल प्रवाह में इज़ाफा।
- गंगा और इसकी सहायक नदियों में जल प्रवाह असामान्य रूप से ऊंचा।
आम जनता से क्या अपील है?
प्रशासन ने निवासियों और पर्यटकों से निम्नलिखित अपील की है:
- नदी के पास न जाएं।
- अफवाहों से बचें और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें।
- किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबर 112 पर संपर्क करें।
- बच्चों और बुजुर्गों को जल क्षेत्र से दूर रखें।
आगे की स्थिति कैसी हो सकती है?
यदि अगले 24 घंटे में वर्षा जारी रहती है, तो गंगा चेतावनी रेखा को पार कर सकती है, जिससे शहर के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है। इससे पहले 2013 और 2021 में भी गंगा का जलस्तर ऐसा ही संकट पैदा कर चुका है।
दृश्य और सोशल मीडिया पर हलचल
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने डूबते घाटों और तेज़ बहाव के वीडियो शेयर किए हैं, जो तेजी से वायरल हो रहे हैं। लोगों ने भगवान शिव से प्रार्थना करते हुए स्थिति के सामान्य होने की कामना की है।